आभा परतें (aura)
7/21/114 चक्र
72000 नाड़ियाँ
3 ग्रंथियां
ऊर्जा कॉर्ड
मर्म बिंदु
प्राण वायु सिस्टम
कोशा परतें
बिन्दु
कुंडलिनी + सुषुम्ना प्रणाली
सूक्ष्म गांठें और मानसिक बिंदु
Aura layers
7/21/114 Chakras
72000 Nadis
3 Granthis
Energy Cords
Marma points
Prana-Vayu system
Kosha Layers
Bindu
Kundalini + Sushumna System
Subtle knots & psychic points)
यह सब है “मानव सूक्ष्म शरीर की ऊर्जा शरीर रचना”।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान और प्राचीन योग विज्ञान एक ही बात कहते हैं -
यदि शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सुचारू है, तो स्वास्थ्य और मानसिक स्पष्टता बढ़ेगी।यदि ऊर्जा अवरुद्ध है, तो
तनाव
डर
यौन असंतुलन
भावनात्मक दर्द
बहुत ज़्यादा सोचना
थकान
आभा मंदता
ये सब वहाँ होंगे.
यह ब्लॉग मानव शरीर का सबसे सम्पूर्ण ऊर्जा मानचित्र है।
1. ओरा (आभा) – ऊर्जा क्षेत्र
आभा एक व्यक्ति के चारों ओर स्थित 7-परत ऊर्जा कवच है।
आभा की परतें
1. शारीरिक
2. ईथरिक बॉडी से 2-3 सेमी बाहर
3. भावनात्मक
4. मानसिक
5. एस्ट्रल
6. ईथरिक टेम्पलेट
7. कारणात्मक
ये शरीर के चारों ओर 360° का “आभामंडल” बनाते हैं।
आभा फीकी पड़ने के कारण
तनाव
दु: ख
बहुत ज़्यादा सोचना
डाह करना
यौन ऊर्जा असंतुलन
काली ऊर्जा का जोखिम
विषैले लोग
आभा मंद = मन मंद = जीवन मंद।
2. चक्र - ऊर्जा केंद्र
चक्र (प्रमुख, लघु, सूक्ष्म)
योग शास्त्र (सद्गुरु परंपरा) के अनुसार:
7 प्रमुख
21 माइनर
96 माइक्रो
3 गुप्त चक्र भी है
A. शरीर में 7 मुख्य ऊर्जा केंद्र:
7 मुख्य चक्र
1. मूलाधार - जमीनीपन
2. स्वाधिष्ठान - यौन एवं भावनात्मक प्रवाह
3. मणिपुर - आत्मविश्वास, शक्ति
4. हृदय – प्रेम, क्षमा
5. कंठ – संचार
6. आज्ञा – अंतर्ज्ञान
7. सहस्रार - आध्यात्मिक संबंध
बी. लघु चक्र – 21
उदाहरण के लिए:
टखने का चक्र
घुटने का चक्र
थायराइड माइनर
कान, आँख और नाक के चक्र
यकृत, प्लीहा और अधिवृक्क चक्र
सी. सूक्ष्म चक्र – 114
डी. ललना चक्र, गुरु चक्र, हृत चक्र
ये गुप्त चक्र हैं जो मुख्य 7 चक्रों में शामिल नहीं हैं।
चक्र अवरुद्ध होने पर अनुभव किए जाने वाले परिवर्तन
मूलाधार → भय
स्वाधिष्ठान → रिश्ते संबंधी मुद्दे
मणिपुर → आत्मविश्वास में गिरावट
अनाहत → भावनात्मक पीड़ा
कंठ चक्र → गले का दबाव
आज्ञा → सिरदर्द, भ्रम
सहस्रार → शून्यता, वियोग
3. नाड़ियाँ - ऊर्जा चैनल
72,000 तंत्रिकाएँ.
प्रमुख 3:
इड़ा (चंद्रमा, शीतलता, मन)
पिंगला (सूर्य, ऊष्मा, ऊर्जा)
सुषुम्ना (केंद्रीय चैनल - कुंडलिनी पथ)
When Ida + Pingala balance = Sushumna opens.
अन्य:
गांधार, हस्तिजिह्वा, पूषा, सरस्वती, विश्वोदया
यशस्विनी, अलम्बुषा, कुक्षी
ये वे अन्य तंत्रिकाएं हैं जिनका उल्लेख तांत्रिक ग्रंथों में मिलता है।
4. ग्रंथियां (ग्रंथियां) - ऊर्जा गांठें
वे स्थान जहाँ मानव में अटकी हुई भावनाओं, अतीत के आघात, भय, अहंकार और आसक्ति के कारण ऊर्जा "बंधी" रहती है।
3 प्रमुख ग्रंथियाँ
1. ब्रह्म ग्रंथि – root & pelvic (fear, insecurity)
2. विष्णु ग्रन्थि - हृदय क्षेत्र (दर्द, भावनात्मक अवरोध)
3. रुद्र ग्रन्थि - भ्रूमध्य (अहंकार, भ्रम, मानसिक आघात)
जब ग्रंथियां खुलती हैं तो ऊर्जा तेजी से बढ़ती है।
कुछ तांत्रिक परम्पराएँ कहती हैं:
"एंडोक्रिन ग्लैंड्स" -
विभिन्न चक्रों के नीचे 24 छोटी ग्रंथियां भी होती हैं।
5. ऊर्जा कॉर्ड
दूसरों के साथ अदृश्य ऊर्जा संबंध बनते हैं।
डोरियों के प्रकार
प्रेम कॉर्ड
अटैचमेंट कॉर्ड
यौन डोरियाँ
विषाक्त कॉर्ड
मानसिक कॉर्ड
3 मुख्य प्रकार:
1. भावनात्मक कॉर्ड
– रिश्ते, लगाव, डर, अतीत की यादें
2. मानसिक कॉर्ड
– संचार, विचार प्रक्रिया
3. आध्यात्मिक कॉर्ड
– मजबूत भावनात्मक संबंध (दुर्लभ)
तंत्र में इसे "सूत्र", "बंध" और "रज्जु" कहा जाता है।
यदि कोई नकारात्मक कॉर्ड है
→ थकान
→ उदासी
→ अवांछित विचार
→ ऊर्जा की हानि.
6. मर्म (जीवन शक्ति स्विच) बिंदु ( आयुर्वेद + सिद्ध)
शरीर में 107 ऊर्जा बिंदु ( तंत्रिका + प्राण + मांसपेशी जंक्शन) कहाँ स्थित हैं -
सिर
दिल
नाभि
जोड़ों
अंग
तंत्रिकाओं और वाहिकाओं के प्रतिच्छेदन बिंदु
जब ये अवरुद्ध हो जाते हैं:
एनर्जी में गिरावट
दर्द
आत्मविश्वास में गिरावट
पाचन संबंधी समस्याएं
7. वायु प्रणाली (प्राणिक हवाएँ)
शरीर में पाँच प्राण + पाँच उप-प्राण:
मुख्य प्राण (पंच प्राण)
1. प्राण
2. अपान
3. समान
4. उदाना
5. व्यान
उप-प्राण (5 उप-ऊर्जाएँ)
1. साँप
2. कूर्म
3. क्रिकरा
4. देवदत्त
5. धनंजय
ये ही श्वास, पाचन, चेतना, वाणी, गति और नींद को नियंत्रित करते हैं।
8. कोशा परतें (ऊर्जा-आत्मा आवरण)
1. अन्नमय कोष - भौतिक शरीर
2. प्राणमय कोष - ऊर्जा शरीर
3. मनोमय कोष - मन
4. विज्ञानमय कोष - बुद्धि
5. आनंदमय कोष - आनंद/अति-चेतना
9. बिंदु - ऊर्जा बूंद
खोपड़ी के पीछे सूक्ष्म “सोमा ड्रॉप”।
यह बिंदु तभी सक्रिय होता है जब आप खेचरी मुद्रा + ध्यान करते हैं। खेचरी मुद्रा करने के लिए, जीभ को तालु से स्पर्श करें।
10. कुंडलिनी ऊर्जा
मूलाधार चक्र में कुंडलित ऊर्जा।
जब ग्रंथियां नरम हो जाएंगी, तंत्रिकाएं साफ हो जाएंगी, और आभा मजबूत हो जाएगी, तो यह सुरक्षित रूप से ऊपर उठ जाएगा।
ये 10 आत्मा और शरीर के बीच की परतें हैं।
आइए देखें कि इन सभी को साफ करने और ऊर्जा को सक्रिय करने के लिए सबसे वैज्ञानिक + योगिक तरीके क्या हैं ।
A) आभा शुद्धिकरण विधियाँ
✔ नमक के पानी से स्नान
✔ संब्रानी / गुग्गल / सेज
✔ सूर्य के संपर्क में (10 मिनट)
✔ चंद्र स्नान (पूर्णिमा पर 15 मिनट)
✔ ओम जप कंपन
✔ विषाक्त लोगों और मानसिक विकारों से बचें
बी) चक्र सफाई विधियाँ
1. बीज मंत्र
एलएएम (मूलाधार चक्र)
VAM (सेक्स चक्र)
RAM (मणिपुर चक्र)
यम (हृदय चक्र)
HAM (गले का चक्र)
ओम (आज्ञा चक्र)
Silence for Sahasrara (सहस्रार/ब्रह्म chakra)
2. चक्र श्वास
प्रत्येक चक्र में 5 साँसें।
3. अनाहत के लिए भावनात्मक मुक्ति
गहरी आह “haa”
सी) नाड़ी शोधन - मास्टर क्लींजर
प्रतिदिन 10 मिनट → सम्पूर्ण ऊर्जा प्रणाली संतुलन।
फ़ायदे:
✓ चिंता कम
✓ मन की स्पष्टता
✓ Ida–Pingala balance
✓ तीसरी आँख की गतिविधि
✓ सुषुम्ना खुली
D) ग्रंथि खोलने की तकनीक
1. Moola Bandha → Brahma Granthi release
भय समाप्त हो जाता है, यौन ऊर्जा संतुलन होता है।
2. Uddiyana Bandha → Vishnu Granthi release
भावनाएँ और हृदय का अवरोध समाप्त हो जाता है।
3. Jalandhara Bandha → Rudra Granthi release
अहंकार, अतिविचार कम हो जाता है।
4. महाबंध (केवल जब आरामदायक हो)
सभी 3 ताले एक साथ → सबसे तेज़ ग्रन्थि सफाई।
ई) रस्सी काटने की रस्म (सबसे महत्वपूर्ण)
दृश्यीकरण + इरादा:
कहें, "यह ऊर्जा मेरी नहीं है। मैं इसे मुक्त करता हूँ।" अगर आप इसे रोज़ाना 3 मिनट तक करें, तो आपको बहुत राहत मिलेगी।
एफ) ऊर्जा प्रवाह के लिए आहार
अच्छा खाएं
नारियल पानी
घी 1 छोटा चम्मच
दूध + हल्दी
ताज़ा फल
लौकी का रस
शहद (सुबह)
टालना
अश्लील
शराब
धूम्रपान
देर रात तक नींद न आना
क्रोध और ईर्ष्या
अतिरिक्त मसाले
जी) ध्वनि और कंपन उपचार
तिब्बती गायन कटोरे
Rudraksha mala
लगभग 108 बार
Mridangam or tanpura drone
कंपन नकारात्मक क्षेत्रों को बाहर धकेलता है।
एच) सुरक्षा तकनीकें
स्वर्ण आभा बुलबुला दृश्य.
हनुमान कवचम / नरसिम्हा कवचम।
रोकता है: ईर्ष्या, बुरी नजर, मानसिक हमला।
ऊर्जा बढ़ाने वाली पूर्ण दिनचर्या (दैनिक)
सुबह (15 मिनट)
Nadi Shodhana
Moola bandha
Uddiyana bandha
Jalandhara bandha
चक्र श्वास
शाम (10 मिनट)
नमक स्नान / धुंधलापन
कॉर्ड कटिंग
भावनात्मक मुक्ति
रात्रि (5 मिनट)
सुषुम्ना रीढ़ का दृश्य
स्वर्ण ढाल
21 दिनों में आप जो बदलाव अनुभव करेंगे
✓ सिर हल्का हो जाता है
✓ भावनात्मक घाव भरते हैं
✓ आभा उज्ज्वल होती है
✓ आत्मविश्वास बढ़ता है
✓ यौन ऊर्जा स्थिर होती है
✓ अतिविचार समाप्त हो जाता है
✓ चक्र खुले हुए महसूस होते हैं
✓ रीढ़ की हड्डी में गर्मी / झुनझुनी
✓ गहरी नींद
✓ शांत मन
✓ आध्यात्मिक स्पष्टता
7. 7 ओम – 5 मिनट
परिणाम: पूर्ण सफाई + पूर्ण ऊर्जा सक्रियण।
चाहे कोई भी ऊर्जा प्रणाली हो,
यदि आप चाहते हैं कि सब कुछ स्वच्छ हो और एक ही प्रक्रिया से ऊर्जा बढ़े:
नाड़ी शोधन + भ्रामरी + ॐ
यह कॉम्बो को ancient yogic में “Trinity of Purification” कहता है।
नाडी शुद्धि
आभा शुद्धि
कॉर्ड कट
ग्रंथियां नरम हो जाती हैं
प्राण शक्ति को बढ़ावा
मन स्थिर
चक्र पुनर्भरण
कोश संरेखित करें
यह योग में ज्ञात सबसे सुरक्षित और मजबूत विधि है।
अनूप मेनन 03:21 पर
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