Sunday, 24 November 2024

मेरी पत्नी मेरी अर्धांगिनी है

एक पति और एक मनोवैज्ञानिक के बीच बातचीत...
मनोवैज्ञानिक : क्या काम करते हो..?
 पति: मैं एक बैंक में अकाउंटेंट की नौकरी कर रहा हूँ।
मनोवैज्ञानिक: आपकी पत्नी..?
 पति: उसके पास कोई नौकरी नहीं है. गृहिणी है...
 मनोवैज्ञानिक : घर पर नाश्ता कौन बनाता है..?
पति: मेरी पत्नी!
मनोवैज्ञानिक: वह कितने बजे ब्रेक फास्ट बनाने के लिए उठती है..?
पति: वह 5 बजे उठती है.
मनोवैज्ञानिक: क्या वह ब्रेक फास्ट बनाने से पहले कोई घरेलू काम करते हैं..?
पति: पूरे घर की सफाई करती है, उसके बाद मेरे, मेरे बूढ़े माता-पिता, बच्चों के लिए चाय बनेगी...
मनोवैज्ञानिक: आपके बच्चे स्कूल कैसे जाते हैं..?
पति: मेरी पत्नी ले जाती है। क्योंकि उसे काम पर नहीं जाना है...
 मनोवैज्ञानिक: बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद आपकी पत्नी क्या करेगी..?
पति: वह आँगन में घास काटेगी, बाज़ार जायेगी, वापस आकर खाना पकाएगी, कपड़े धोएगी...
मनोवैज्ञानिक : बच्चों को स्कूल से घर कौन लाता है..?
 पति: पत्नी!
मनोवैज्ञानिक: उसके बाद, चार बजे की कॉफ़ी वगैरह कौन बनाएगी..
पति : हाँ.. पत्नी.. क्योंकि वो काम पर नहीं जाती.. घर पर ही रहती है..
मनोवैज्ञानिक : जब आप शाम को ऑफिस से घर वापस आते हैं तो क्या करते हैं?
पति: आराम करते है। क्योंकि मैं काम करके थक जाता हूँ...
मनोवैज्ञानिक: तो फिर तुम्हारी पत्नी क्या करेगी..?
पति: वह रात का खाना बनाएगी, बच्चों को खिलाएगी, मुझे और माता-पिता को परोसेगी... सारे बर्तन साफ ​​करेगी... फिर बच्चों के साथ बैठकर उनके होमवर्क में मदद करेगी... फिर उन्हें सुला देगी...
वह सुबह शुरू होती है और कहती है कि उसके पास कोई काम नहीं है, भले ही वह आधी रात तक संघर्ष करती रहे...*
 गृहिणी बनने के लिए आपको किसी शिक्षा की आवश्यकता नहीं है... लेकिन,
जीवन में इनका काम बहुत बड़ा है.. इनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है...*
एक बार किसी ने उनसे पूछा था.. आप कामकाजी हैं या गृहिणी..?
*उसने उत्तर दिया: हाँ.., मैं एक 24 घंटे कामकाजी गृहिणी हूँ...*
 *मेरी ड्यूटी 24 घंटे है..*
मैं माँ हूँ..*
मैं पत्नी हूं..*
मैं बेटी हूं..*
मैं बहू हूं..*
मैं अलार्म हूं..*
मैं रसोइया हूँ..*
मैं धोबिन हूं..*
*मैं एक शिक्षक हूं..*
मैं एक वेटर हूं..*
मैं आया हूँ..*
मैं सुरक्षा अधिकारी हूं
मैं एक गुरु हूँ
मेरे पास कोई वेतन नहीं है
मेरे पास छुट्टियाँ नहीं हैं
मेरे पास कोई चिकित्सीय अवकाश नहीं है
मैं दिन-रात काम करता हूं
वेतन मिला
"आज क्या क्या किया?"
सभी पत्नियों को समर्पित
कहते हैं पत्नी नमक के समान होती है
जब वे उनके पास होते हैं तो उन्हें उनकी कीमत का पता नहीं चलता।
उनकी अनुपस्थिति से भारी हानि और पीड़ा का एहसास होगा....कुछ भी बेस्वाद नहीं होगा।
❤️मेरी पत्नी मेरी अर्धांगिनी है❤️

 द्वारा  पर पोस्ट किया गया

No comments:

Post a Comment